मेरा एक भांजा दिल्ली में एक कंप्यूटर कंपनी में कम कर रहा था लेकिन संतुष्ट नहीं था।एक दिन उसने मुझ से कुंडली देखने का आग्रह किया।उस वक़्त मैं भी रक्षा मंत्रालय में कार्यरत था।मैंने देखा कि उसकी बारहवें घर में बैठे चन्द्र की महा दशा शुरू होनी है । मैंने पूछा तुम्हारा पासपोर्ट रेडी है ? उसने कहा नहीं।मैंने कहा तुरंत अप्लाई कर दो।पुलिस वेरिफिकेशन से बचने के लिए मैंने ही फॉर्म के साथ अटैच्ड रिकमेंडेशन का पेज भरा। ये बात २००७_२००८ की थी
उसने विदेश में जॉब के लिए प्रयास शुरू किया और चंद्र की महा दशा और मंगल जो बारहवें घर का स्वामी था कि अंतर दशा में सिंगापुर में बढ़िया जॉब मिला जहां वह २००९ से २००० तक रहा।उस दौरान एक ट्रेनिंग कोर्स में मैं भी सिंगापुर गया और एक दिन उस से मिलने उसके घर भी गया था ।
जून २००० में वह ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट कर गया और अभी वही कार्य कर रहा है ।उस वक़्त मंगल की महादशा जो की बारहवें घर का स्वामी है और बृहस्पति की अंतर्दशा थी जो छठे भाव में बैठ कर दशम भाव और द्वादश भाव दोनों पर दृष्टि डाल रहा था और करियर में सकारात्मक बदलाव दिखा रहा था।
कुंडली नीचे दी गयी है।


