आज रामनवमी का शुभ दिन है और चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि। जगह जगह कन्या पूजन चल रहा है । तो आज माँ भगवती को याद करते हुए जया और विजया नाम की दो जुड़वा बहनों की मेडिकल की परीक्षा में उत्तीर्ण होने की जय और विजय गाथा की कहानी लिखता हूँ।
बेगूसराय के शैलेंद्र जी और उनके बड़े भाई मुझ से ज्योतिषियों सलाह लेते रहे हैं।२०२१ – २०२२ में अपने परिवार की जुड़वा बहनों जया और विजया की कुंडली देख कर पूछा था कि क्या उनका मेडिकल में एडमिशन हो जाएगा? मेरा जवाब सकारात्मक था।दोनों बच्चियों के जन्म समय में मात्र ३ मिनट का अंतर था। उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के कारण उनका जन्म विवरण नहीं डाल रहा हूँ। दोनों ही का लगन मिथुन और राशि तुला और नक्षत्र चित्राथा। नवमंशा लगना भी एक ही था।दशांश लगना बदल रहा था।षष्टियम्श तो हर ३० सेकंड में बदलता ही है।
कुंडली में नवम और दशम भाव के स्वामी शनि और बृहस्पति बारहवें घर में जो हॉस्पिटल का भी घर है वहाँ बैठे थे और धर्माधिपति-कर्माधपति राजयोग का निर्माण कर रहे थे । बारहवें भाव का स्वामी शुक्र उच्च का हो कर दशम भाव यानी प्रोफेशन के घर में बैठा था।स्पष्ट संकेत था कि उनके करियर का बारहवें घर यानी अस्पताल से संबंध होगा।चुकी दोनों ही कुंडली एक ही राशि लगना नक्षत्र का था इस लिए दोनों का ही होना था।जन्म के समय में ३ मिनट के अंतर की कहानी ये थी की पहले दोनों का दो अलग जगह पे एडमिशन हुआ पर बाद में प्रयास कर के फिर दोनों का एक ही जगह हो गया।स्वनामधन्य जया और विजया अभी मेडिकल के दूसरे साल की पढ़ाई कर रही है।
अतः आगरा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ।
कुंडली नीचे है।



RAJYOG AUR PARIVARTAN RAJYOG ME SHAMIL BRIHASPATI KI DASHA AUR ANTARDASHA ME DONO KO SAFALTA MILI.