बीजेडी और नवीन पटनायक की कुंडली –
बीजेडी की स्थापना २६ दिसंबर १९९७ को १ बजे दिन में हुई थी।पार्टी का लगना मेष है। लगनेश और भाग्य के स्वामी – मंगल और गुरु दशम भाव में सप्तमेश और द्वितीयेश शुक्र के साथ राज योग में शामिल है। २०२१ के जुलाई तक दशमेश शनि की महादशा थी जो द्वादशेश गुरु के साथ परिवर्तन योग में था और पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा था और उड़ीसा में लगातार उनकी सरकार रही है। जुलाई के अंत से अष्टम में बैठे वक्री बुध जो छठे का स्वामी है और यहाँ विपरीत राज योग बना रहा है।तो धीरे धीरे पार्टी के लिए चुनौती बढ़ता दिख रहा है और इस चुनाव में सहयोगी पार्टी बीजेपी से सीट के बटवारे पर बात नहीं बनी यानी इस बुध ने नहीं बन ने दिया और अंतर दास केतु का है जो ग्यारहवाँ भाव में है।यह बहुत बुरा नहीं है लेकिन गोचर का शनि जन्म के केतु के ऊपर से गोचर कर रहा है डेढ़ साल से जो की बुरा है ।गोचर के गुरु का द्वितीय भाव में गोचर शुभ है। कुल मिलाकर पार्टी का परफॉरमेंस पीछे के सालों की तुलना में अच्छा नहीं रहेगा । चुकी उड़ीसा में लोकसभा के साथ ही चुनाव हो रहे हैं अतः पूरे देश की नज़र इस राज्य पर होगा।
ऐसे में वहाँ के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक की कुंडली भी देखना ज़रूरी है।पटनायक साहब का लग्न कर्क है और चौथे भाव में मंगल और गुरु अति शुभ धर्माधिपति कर्माधिपति राज योग बना रहे हैं जिसने इनको लंबे समय तक मुख्य मंत्री बनाये रखा है। वर्तमान में इनके महा दास , अंतर दसाऔर प्रत्यंतर दसा तीनों ही शुक्र का है जो चौथे और एकादश भाव का स्वामी है।एकादश भाव इच्छापूर्ति का भाव है । सामान्यतः पहली अंतर दास अच्छी नहीं जाती है। गोचर का शनि अष्टम भाव से बैठ कर दसम भाव दूसरे भाव और पंचम में बैठे शुक्र और केतु को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है और इनके हेल्थ को भी प्रभावित कर रहा है । गोचर के शनि ने बीजेपी से सीट शेयरिंग नहीं होने दिया। गोचर जा गुरु एकादस भाव में शुभ है है।
इस प्रकार ये दिख रहा है कि पार्टी और नेता दोनों की कुंडली में कुछ शुभ और कुछ अशुभ गोचर है और पूर्व के चुनावों की तुलना में बीजेडी और पटनायक साहब को कम सीट प्राप्त होंगे।उड़ीसा में सरकार बनाने में मुश्किलें आयेंगी ।
मेरे मन में पटनायक साहब के लिये बहुत सम्मान है। वे शांति से अपने कम में लगे रहते हैं। उन्हें इस कठिन चुनाव में मेरी शुभकामनाएँ । बीजेडी और पटनायक साहब की कुंडली नीचे दी गयी है ।

