
एक आम गृहणी का ज्योतिष के प्रति रुचि होना घोर आश्चर्य करने वाली घटना हो सकती है लेकिन पति जब बार बार यूपीएससी की परीक्षा में असफल हो रहे थे तो इच्छाहोती थी की कोई पंडित जी बताते की कब मेरे पति परीक्षा में सफल होंगे ।मेरे पिताजी अत्यन्त धार्मिक प्रवृति के महामना थे और लगभग पूरा राम चरित मानस उन्हें कंठस्थ था। प्रतिदिन दोपहर में रामायण पाठ उनकी दिनचर्या में शामिल था और शाम में दुर्गा स्थान में जाकर माँ का आशीर्वाद ग्रहण करना उनकी दिनचर्या का अभिन्न अंग था। मेरे ससुर जी भी प्रतिदिन रामायण पाठ करते थे और उनका ज्योतिष शास्त्र में बहुत विश्वास था। खुद पूजा पाठ मेरी दिनचर्या में शामिल है।
इलाहाबाद में पतिदेव की पदस्थापना के बाद उनकी रुचि ज्योतिष शास्त्र सीखने की हुई और उनके कार्यालय में कार्यरत मो. अख़्तर ईशा से उन्होंने प्रारम्भिक ज्ञान प्राप्त किया। बाद में उन्होंने दिल्ली के भारतीय विद्या भवन के इन्स्टिटूट ऑफ़ अस्ट्रॉलॉजी से ज्योतिषअलंकार की उपाधि ली। बच्चों की पढ़ाई ,नौकरी और शादी के बाद अकेले पन में इनके साथ ज्योतिष पर चर्चा करते करते मुझे भी ज्योतिष शास्त्र के प्रति रुचि बढ़ती गयी। घर में ज्योतिष पर कई अच्छी पुस्तक उपलब्ध थी। फिर इंटर्नेट और सोशल मीडिया और अख़बारों में दी गयी भविष्यवाणी पढ़ते पढ़ते ज्योतिष की प्रारंभिक जानकारी हो गई। पति देव से बच्चों की कुंडली पे चर्चा करते करते दूसरों की कुंडली पर चर्चा और कैसे उन पर ज्योतिष के नियम और अपवाद लगते हैं इन चीजों की समझ आने लगी और इस प्रकार मेरी ज्योतिष यात्रा शुरू हुई।
अपने इष्ट देव भगवान शिव के आशीर्वाद और अपने इष्ट ग़ुरु अनंत विभूषित शंकरचर्या श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की प्रेरणा से मैंने एक वेब साइट बनवाने का निश्चय किया ताकि मैं लोगों की सेवा कर सकूँ। एक्स्पर्ट सलाह के लिए श्री पंकज मिश्रा और मुफ़्त सलाह के लिए पति देव हैं।ज़रूरत परने पर उनसे सलाह लेते रहती हूँ। अपनी रुचि को जनसेवा और अपना कैरियर बनाने के प्रयास में यह वेबसाइट आप के समक्ष है।
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सभी नवग्रह देवता आप की समस्त मनोकामनाएँ पूरी करें।