शनिदेव प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति भी बनाते हैं ।

शनि की साढ़े साती को अक्सर एक चुनौतीपूर्ण अवधि के रूप में देखा जाता है, जो रुकावटों और कठिनाइयों से भरी होती है। हालाँकि, यह एक ऐसा समय भी हो सकता है जो यदि सही ढंग से प्रयास किया जाए तो आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। इस अवधि को सफलतापूर्वक पार करने की कुंजी कड़ी मेहनत, अनुशासन और उचित आचरण में निहित है।

साढ़े साती क्या है?

साढ़े साती वह साढ़े सात साल की अवधि है जब शनि (शनि) किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्र राशि से पहले की राशि, चंद्र राशि और चंद्र राशि के बाद की राशि में गोचर करता है। इस गोचर को तीन चरणों में विभाजित किया गया है: पहला चरण (जब शनि चंद्र राशि से पहले की राशि में गोचर करता है), दूसरा चरण (जब शनि चंद्र राशि में गोचर करता है) और तीसरा चरण (जब शनि चंद्र राशि के बाद की राशि में गोचर करता है)।

डरें नहीं शनिदेव से या शनि की साढ़ेसाती से। शनिदेव आप को ज़्यादा मेहनत और धैर्य एवं अनुशाषन करना सिखाते हैं और फिर रंक को राजा भी बनाते हैं। शनि की साढ़ेसाती में लोग प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति भी बनते हैं। मेरे ज्योतिष गुरू आदरणीय के न राव कहते हैं कि पैसे के चक्कर में ज्योतिषी सबसे ज़्यादा लोगों को साढ़ेसाती का भय देकर उनका दोहन करते है और ज्योतिषी स्वयं भी सब से ज़्यादा ग़लती साढ़ेसाती के आकलन में ही करते हैं। साढ़ेसाती के वक़्त यदि महादशा अनतरदशा के स्वामी बलवान हो, शुभ घरों के स्वामी हो तथा राजयोग और धनयोग में शामिल हो और जिस राशि में शनि गोचर कर रहा हो उसमें अषटक वर्ग में २८ से ज़्यादा बिन्दु हो तो फिर साढ़ेसाती आप के लिए संघर्ष तो देगा लेकिन आप के उम्मीद से ज़्यादा आप की झोली भर के जाएगा।

साढ़े साती के सकारात्मक उदाहरण

हालांकि साढ़े साती को अक्सर संघर्षों से जोड़ा जाता है, लेकिन कई प्रसिद्ध व्यक्तियों ने इस अवधि के दौरान महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। आइए कुछ उल्लेखनीय उदाहरणों पर एक नज़र डालें:

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी ने अपनी साढ़े साती के दौरान भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला। १७ सितंबर को नरेन्द्र मोदी जी का जन्म दिन है। २०१४ के पहले से इनकी साढ़ेसाती चल रही है परंतु भाग्य के स्वामी चन्द्र की महादशा और लगन स्थित मंगल के साथ बना राजयोग इन्हें दो बार प्रधान मंत्री बना चुका है जब कि साढ़ेसाती जनवरी २०२० में समाप्त HUA


 कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उनकी दृढ़ता, समर्पण और रणनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाया। उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत में कई सुधार और पहल देखी

गईं।

2. स्वर्गीय प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई

मोरारी देशाई १९७८ में इनके जन्म के चन्द्र जो सिंह राशि का है से दूसरे भाव कन्या में शनि का गोचर था लेकिन पंचम भाव (मंत्री) स्थित उच्च के शनि की दशा और चैथेघर (प्रधान मंत्री) के स्वामी बुध की अन्तरदशा जो उच्च के मंगल के साथ बैठा है और उच्च के बृहस्पति से दृषट है । साढ़ेसाती के बावजूद वे प्रधान मंत्री बने।
मोरारजी देसाई ने 1977 से 1979 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, यह अवधि उनकी साढ़े साती के साथ मेल खाती थी। उनके नेतृत्व की विशेषता लोकतंत्र को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कम करने के प्रयासों से थी। राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करने के बावजूद, उन्होंने अपने सिद्धांतों को बनाए रखा और देश की भलाई के लिए काम किया।

3. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी साढ़े साती के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभाला। उनके कार्यकाल की विशेषता विवादों और महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तनों का मिश्रण थी। ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना कई लोगों के लिए अप्रत्याशित था, लेकिन यह दर्शाता है कि साढ़े साती कैसे नाटकीय परिवर्तन और अवसर ला सकती है।

व्यक्तिगत उदाहरण: मेरी सफलता की यात्रा

मैंने भी साढ़े साती की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव किया है। इस अवधि के दौरान, न केवल मैं साढ़े साती के प्रभाव में था, बल्कि मैं शनि महादशा से भी गुजर रहा था। चुनौतियों के बावजूद, मैंने दृढ़ता से काम किया और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया। परिणामस्वरूप, मैंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAAS) के लिए चयनित होने की उपलब्धि हासिल की।

निष्कर्ष

साढ़े साती केवल चुनौतियों का समय नहीं है; यह हमारी दृढ़ता और संकल्प की परीक्षा लेने का समय है। कड़ी मेहनत, उचित आचरण और सकारात्मक मानसिकता के साथ, कोई भी साढ़े साती के द्वारा उत्पन्न बाधाओं को पार कर सकता है और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वर्गीय प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उदाहरण, साथ ही मेरा व्यक्तिगत अनुभव, यह दर्शाते हैं कि साढ़े साती वास्तव में विकास और उपलब्धि का समय हो सकता है।

आइए इस अवधि को शक्ति और आशावाद के साथ अपनाएं, चुनौतियों को अभूतपूर्व विकास और सफलता के अवसरों में
उदाहरहन के लिए तीन कुंडली नीचे दी जा रही है-


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