मेरे मित्र पंकज मिश्रा ने मुझे टीएमसी की कुंडली भेजी है जो भारतीय विद्या भवन से उसे मिला था। ममता बनर्जी की कुंडली नेट से ढूँढी गयी और उनके पास्ट इवेंट्स जैसे शादी ना होना और एक ख़ास धर्म के प्रति बहुत ज़्यादा झुकाव के आधार पर उसे सही मान कर। एक विश्लेषण का प्रयास किया गया है ।
1. टीएमसी की कुंडली मीन लग्न की है और लगनेश गुरु एकादश भाव में नीच का है और लग्न में एकादास भाव का स्वामी शनि बैठ है अतः लगनेश और एकादश में परिवर्तन राज योग है जो शुभ है ।सूर्या दसम में दिग्बली है और राहु छठे भाव में संघर्ष में निश्चित विजय दर्शा रहा है।
2. वर्तमान में टीएमसी की कुंडली में राहु की दसा चल रही है और प्रत्यंतर चंद्र का है और गाजकेसरी योग बना रहा है ।चंद्र के साथ अष्टम् का स्वामी वक्री शुक्र भी है।
3. गोचर का गुरु तीसरे भाव में चंद्र से पंचम है जिसे शुभ माना जा सकता है लेकिन गोचर का शनि जन्म के केतु के ऊपर से, वो भी बारहवें भाव, में स्थित है। भृगु नंदी नाड़ी का सूत्र है कि जन्म के केतु के ऊपर शनि का गोचर बहुत ही ख़राब होता है।लोगों की नौकरी व्यापार आदि बंद तक हो जाते हैं।तो राहु ने इस पार्टी को बंगाल से कम्युनिस्ट पार्टी को समाप्त सा कर दिया क्योंकि राहु शत्रुहांता योग में है। परंतु शनि का वर्तमान गोचर पार्टी के गोल्डन पीरियड के अंत का स्पष्ट संकेत दे रहा है।अपने क़िला को बचाना पार्टी के लिए कठिन होगा।
B- ममता बनर्जी का मेष लगन है और लगनेश मंगल लभस्थान में बैठा है। लगना और लगनेश मंगल ने उन्हें बहुत आक्रामक और ऊर्जावान बनाया है। सप्तमेश शुक्र अष्टम में पाप करतारी योग में है। चंद्र लगना से शुक्र सप्तम में है और पापकार्तारी योग में है। तो इस कारण से इनकी शादी नहीं हुई और कमजोर शुक्र ने उन्हें साधारन सादगी वाली ज़िंदगी दी है। संतान के पंचम घर का स्वामी सूर्या राहु केतु एक्सिस में आ गया और पंचम भाव अष्टमेश मंगल से दृष्ट है अतः ये दोनों फैक्टर ने संतान नहीं दिया लेकिन पंचमेश सूर्या राहु के साथ होने से उन्होंने अभिषेक बनर्जी जो उनका भतीजा है उनको पार्टी में लगभग सेकंड पोजीशन प्रदान किया है। नवम भाव धर्म का भाव है और इस भाव में राहु छठे के स्वामी बुध के साथ है । इस कारण से अलग धर्म के वोट बैंक को ज़रूरत से ज़्यादा तरजीह देने के चक्कर में विवाद में रहीं है।
चौथे भाव में भाग्यशाली गुरु उच्च का हो कर हंस नाम के पंचमहापुरुष योग बना कर उन्हें लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनाया।शनि की दसा में गुरु अंतिम अंतरदासा है और फिर बुध की दसा शुरू होगा जो इनके स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा और दशांश में केतु के साथ होने से पीड़ित है।तो निष्कर्ष ये है कि इनके लिए अब सत्ता में बने रहना आसान नहीं रह गया है और अब ये खेल नहीं कर पायेंगी।धीरे धीरे ढलान की और बढ़ रही है।
इनका सब से बड़ा अचीवमेंट बंगाल से कम्युनिस्ट को समाप्त करना रहा है। तुष्टिकरण और अति आक्रामकता ने इनको तात्कालिक राजनीतिक लाभ तो दिया लेकिन यही दोनों इनके उतर का कारण भी बन ने जा रहा है।
जेएमसी और ममता बनर्जी की कुंडली नीचे दी जा रही है।

