“शादी बिना अपराध किए उम्रकैद की सजा जैसी होती है”

पिछले नवंबर में एक सरकारी अधिकारी ने मुझसे विवाह के संबंध में संपर्क किया था। उसकी कुंडली देखकर मैंने निम्नलिखित भविष्यवाणियाँ की थीं:
- आपकी अपने बॉस से लड़ाई हो सकती है और आपको मेमो या निलंबन मिल सकता है।
- आपका विवाह जल्द ही तय हो जाएगा।
- 29 मार्च से शनि की ढैया कुछ समस्याएँ ला सकती है।
आज उसने मुझे संदेश भेजा कि दिसंबर में उसके अपने बॉस के साथ गंभीर मतभेद हो गए थे, जिसके कारण उसे शोकॉज नोटिस जारी कर दिया गया था। हालांकि, उसके उत्तर देने के बाद मामला सुलझ गया।
उसकी शादी तय हो गई है और जून में उसकी सगाई होने जा रही है।
जहाँ तक शनि की ढैया का प्रश्न है, मैंने उसे बताया कि शनि उसके भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है, इसलिए इसे अधिक परेशान नहीं करना चाहिए।
कुंडली का विश्लेषण
लग्न: कर्कलग्नेश चंद्रमा: योगकारक मंगल के साथ द्वितीय भाव में स्थित है, लेकिन अष्टम भाव में स्थित वक्री शनि द्वारा दृष्ट है।गुरु: भाग्य और लाभ स्थान को देख रहा है और वहाँ केतु भी स्थित है।
दशा और अंतरदशा:
सूर्य (जो सरकार और बॉस का प्रतिनिधि है) की महादशा चल रही थी, जो बारहवें भाव में था।
अंतरदशा में केतु था, जिससे बॉस के साथ समस्या होने का संकेत था।
गोचर:
अष्टम भाव में शनि का गोचर जन्म शनि पर हुआ, जिससे वह अच्छे ऑफिस में तैनात नहीं था।
गुरु का गोचर एकादश भाव में केतु पर था, जिससे वह इस समस्या को सुलझाने में सफल रहा।
गुरु की दृष्टि सप्तम भाव पर थी, और गोचर शनि सप्तमेश शनि पर था, जो विवाह तय होने का संकेत था।
इस प्रकार, मेरी भविष्यवाणी पूरी तरह सही साबित हुई।